पोलियो टीम को बंधक बना कागजात फाड़े
मुख्यचिकित्साधिकारी डा. राजकुमार
मेरठ-मुस्लिम इलाकों में सीएए का खौफ साफ नजर आ रहा है। सोते जागते कुछ लोगो को हर जगह सीएए का भूत परेशान कर रहा है। संभवतः यही कारण रहा कि बीते दिवस लिसाड़ीगेट इलाके में पोलियो की ड्राप पिलाने गई स्वास्थ्य विभाग की टीम को लोगों ने कुछ समय के लिये बंधक बना लिया और उनके कागजात फाड़ डाले। स्वास्थ्य विभाग ने एक व्यक्ति को नामजद करते हुए अज्ञात लोगो के खिलाफ लिसाड़ी गेट थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।
सीएए लागू होने के बाद मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में इसका व्यापक विरोध हो रहा है। पिछले दिनों ही इसे लेकर शहर में खासा बवाल हुआ था जिसमें छह लोगों की गोली लगने से मौत भी हो गई थी। पीड़ित परिजनों का आरोप है कि ये मौते पुलिस की गोली से हुई हैं जबकि पुलिस ने दावा किया है कि उपद्रवियों द्वारा की गई फायरिंग में ये जानें गई हैं। बहरहाल, छह घरों में जरूर मातस पसरा हुआ है। अब इसके बाद हालात यह है कि मुस्लिम इलाकों में सर्वे अथवा विभाग काम करने वाले लोगों को भी संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है। ऐसा ही नजारा बीते दिवस देखने में आया। दरअसल, स्वास्थ्य विभाग की एक टीम लिसाड़ी गेट के लखीपुरा मोहल्ले गली नंबर 35 में पोलियो की ड्राप पिलाने गई थी। वह घर घर जाकर बच्चों का रिकार्ड ले रही थी और साथ ही दो बूंद जिदंगी की भी पिला रही थी। तभी वहां कुछ लोगों एकत्रित हो गये और उन्होंने टीम का विरोध शुरू कर दिया। इन लोगों का विरोध यह था कि सर्वे किस बात का क्या जा रहा है, क्या यह सीएए का सर्वे है। इस पर टीम ने समझाया कि ऐसा नहीं है, पोलियो ड्राप पिलाने के साथ ही संबंधित बच्चे का रिकार्ड भी लिया जाता है, वह इसी काम को अंजाम दे रहे हैं लेकिन उनकी बात को किसी ने नहीं सुना। टीम के साथ धक्कामुक्की के बीच उनके कागजात भीड़ ने फाड़ डाले। टीम के सदस्य किसी तरह वहां से बचकर निकले।
इस बारे में जब मुख्य चिकित्साधिकारी डा. राजकुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने विरोध करते हुए टीम के कागजात फाड़ दिये हैं। इस सिलसिले में इमरान समेत कुछ अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।