मुस्लिम नागरिक को कोई माई का लाल नहीं छू सकता



मेरठ- सीएए के पक्ष में माहौल बनाने के लिये भाजपा ने ऐडी चोटी का दम लगा दिया है। पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जिलों की बड़ी रैली को 22 जनवरी को स्वयं केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संबोधित किया। इस दौरान सीएए का सारा ठीकरा कांग्रेस व विपक्ष पर फोड़ते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने इसका अपने कार्यकाल में समर्थन किया है लेकिन अब वह इसका विरोध कर समाज में भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं। वह हिंदु व मुस्लिमों के बीच दीवार खड़ी करने की कोशिश में लगे हैं और उनकी इसकी कोशिश को नाकाम करना है। देश में रहने वाले किसी भी मुस्लिम नागरिक को कोई भी माई का लाल छू नहीं सकता, बाहर निकालना तो बहुत दूर की बात है।

 

भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ  सिंह को साढ़े ग्यारह बजे रैली स्थल पर पहुंचना था लेकिन भीड़ न होने के कारण  उनके आगमन का समय डेढ़ बजे कर दिया गया। खाली कुर्सी आयोजकों के होश उड़ाने के लिये काफी थी लेकिन जैसे जैसे समय आगे बढ़ा खाली कुर्सी भरती चली गयी। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार ने एक झटके में वो सब काम कर दिखाये हैं जिनके बारे में सपने में भी नहीं सोचा जा सकता था। लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुटकी बजाते हुए इस धारा को ही समाप्त कर दिया। देश का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दरअसल, जाति, धर्म, पंथ और मजहब के आधार पर नहीं बल्कि सबका साथ, सबका विश्वास और सबका विकास की नीति पर फैसले लेता है। कुछ लोग हैं जो सत्ता में बने रहने के लिये राजनीति करते हैं , वे हिंदु व मुस्लिमों को आपस में लड़ते रहे हैं लेकिन हम देशहित की बात करते हैं। जहां तक सीएए की बात है तो तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 18 दिसम्बर 2003 को कहा था कि बंग्लादेश में जिन हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है उन्हे भारत की नागरिकता दी जानी चाहिये। महात्मा गांधी भी यही चाहते थे कि धर्म के आधार पर देश का विभाजन न हो लेकिन यदि इस्लामिक देशों में हिदुओं पर अत्याचार हो रहा है तो भला उनके बारे में कौन सोचेगा। ये लोग वहां जलालत की जिंदगी जी रहे हैं। जो इन लोगों ने कहा था, हमने वहीं किया है लेकिन अब ये विपक्ष उन्हें कटघरे में खड़ा कर रहा है जबकि सीएए लागू कर उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है।

 

राजनाथ ने कहा कि कांग्रेस व विपक्ष देश में एनआरसी को लेकर भी भ्रम पैदा कर रहा है जबकि इस  बारे में कभी कोई चर्चा तक नही हुई। लेकिन यह कहते हुए उन्होंने यह सवाल भी कर दिया कि क्या देश में एनआरसी नहीं होनी चाहिये ? यदि एनआरसी नहीं होती है तो सरकार की कल्याणकारी योजनाएं देश के प्रत्येक नागरिक तक कैसे पहुंच पायेंगी। अमस में राजीव गांधी ने भी इसका समर्थन किया था लेकिन अब कांग्रेस इसका विरोध कर हिंदु मुस्लिमों को बांटने का काम कर रही है।