छात्रा को आत्महत्या के लिये उकसाने पर पूर्व ब्लाक प्रमुख गिरफ्तार
मामले को हवा देने पर एक पत्रकार गिरफ्तार




मवाना में एक नाबालिग द्वारा की गई आत्महत्या के मामले में नया मोड़ आ गया है। पुलिस का साफ कहना है कि नाबालिग के पिता द्वारा ही चार अलग अलग घटना बताते हुए रिपोर्ट दी गई थी, जिससे उसकी नीयत पर सवाल उठते हैं। पुलिस का यहां तक कहना है कि परिजनों द्वारा ही नाबालिग के साथ दबाव बनाते हुए मारपीट की गई जिससे क्षुब्ध होकर उसने आत्महत्या कर ली। इस घटना को बढ़ाचढ़ कर पेश करने के आरोप में पुलिस ने एक पत्रकार को भी गिरफ्तार कर लिया है। इस प्रकरण में नाबालिग के परिजनों पर भी पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है।



 

   आरोप है कि गत 19 जनवरी को मवाना के एक गांव में कक्षा दस की छात्रा के साथ साठ वर्षीय बुजुर्ग ने दुष्कर्म किया। इसका मुकदमा 25 जनवरी को लिखा गया लेकिन पुलिस ने कोई गिरफ्तारी नहीं की बल्कि पुलिस ने मामले को संदिग्ध माना। बताया गया कि इसे लेकर क्षेत्र में पंचायत हुई और पूर्व प्रधान ने पीड़िता के पिता को थप्पड़ मार गांव से जाने का फरमान सुना दिया। जिससे क्षुब्ध होकर नाबालिग ने मौत को गले लगा लिया। परिजनों ने 12 घंटे घर पर रख कर  हंगामा किया। वे पचास लाख रुपये की आर्थिक मदद व दस बीघा जमीन का पट्टा दिलाने की मांग कर रहे थे। मामला अखबारों में आत्महत्या का आया तो पुलिस कप्तान ने मवाना थाने के प्रभारी विनय आजाद को लाइन हाजिर कर दिया। बीती रात पुलिस ने एक प्रेस नोट जारी किया और आज पुलिस अधीक्षक देहात अविनाश पांडेय ने मीडिया को बयान दिया। पहले सुनते हैं क्या बता रहे हैं पुलिस अधीक्षक (बाइट)

 



इस मामले में यह भी नया मोड़ आया है कि पुलिस ने सच कहूं के एक पत्रकार राजेंद्र कुमार सैनी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का कहना है कि राजेद्र ने इस मामले को अनावश्यक तूल दिया और बढ़ाचढ़कर पेश किया।  साथ ही ऐसा माहौल बनाया कि आरोपी पक्ष से कुछ मोटी धनराशि मिल जाये। यह भी सूत्र बता रहे हैं कि नाबालिंग पर अत्याचार करने व उसे आत्महत्या के लिये उकसाने की प्रकिया में नाबालिग की परिजन भी पुलिस कार्यावाही की जद में आ रहे हैं  और आरोपी भी पुलिस की पकड़ में आ चुका है लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।