उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में एक सिरफिरे ने 23 बच्चों को घर में बंधक बना रखा था। हालांकि सभी 23 बच्चों को सुरक्षित छुड़ा लिया गया है। लगभग ग्यारह घंटे तक चले इस हाई वोल्टेज ड्रामे का अंत सिरफिरे सुभाष बाथम की मौत के साथ हुआ। बताया जा रहा है कि आरोपी और पुलिस के बीच काफी देर मुठभेड़ हुई, जिसके बाद आरोपी को मार गिराया। पुलिस से मुठभेड़ के वक्त आरोपी की पत्नी रूबी ने भागने का प्रयास भी किया लेकिन आक्रोशित गांव की महिलाओं ने उसे जमकर पीटा। बाद में पुलिस वालों ने जैसे-तैसे गांव के चंगुल से रूबी को छुड़ाया और गंभीर हालत में अस्पताल भेजा, जहां उसने दम तोड़ दिया।
बता दे कि गुरुवार शाम आरोपी शख्स ने मोहल्ले के 23 बच्चों को अपने घर में बेटी के जन्मदिन के बहाने बुलाया और सभी बच्चों को बंधक बना लिया। जब बच्चों ने वापस जाने की जिद की तो उसने घर के दरवाजे बंद कर दिए और बच्चों को धमकाने लगा। सुभाष ने छत पर पहुंचकर बताया कि उसने बच्चों को बंधक बना लिया है। गांव वालों ने एक व्यक्ति को सुभाष से बात करने भेजा, बदमाश ने उसके पैर में गोली मार दी। इसी बीच पुलिस को सूचना दी गई, पुलिस ने सुभाष से बातचीत शुरू की और फिर आरोपी ने फायरिंग शुरु कर दी, जिसमें 2 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
पुलिस ने बताया कि सुभाष के पास इतना गोला-बारूद था कि वो अगले दो दिनों तक पुलिस से अकेले ही मुकाबला कर सकता था। सुभाष के घर से 25-30 गोलियां, एक कंट्री मेड तमंचा, एक राइफल और बड़ी संख्या में बारूद था। सुभाष ने कई सुतली बम भी बना रखे थे और वो तहखाने में एक साथ सभी बच्चों को उड़ाने की धमकी दे रहा था। सुभाष को करीब 2 महीने पहले ही बेल मिली थी। उस पर हत्या और आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज था। आपराधिक प्रवृत्ति होने के कारण गांव के लोगों के साथ सुभाष की बातचीत कम होती थी और गांव के सभी लोगो से रंज रखता था। सुभाष, बच्चों को छोड़ने के बदले में पुलिस से उस पर दर्ज मुकदमों को खत्म करने की बात कह रहा था और पुलिस को इसी के जरिए ब्लैकमेल कर रहा था।