फर्स्ट बाइट इंडिया, 5 फरवरी
सीएए व एनआरसी के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी है। धरने के दौरान एक मासूम की मौत हो चुकी है लेकिन आंदोलनकारियों के हौंसले कम नहीं हुए हैं। अलबत्ता बच्चे की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट जरूर पहुंच गया है। वीरता पुरस्कार से सम्मानित कक्षा सात की छात्रा जेन गुणरत्न सादवर्ते ने चीफ जस्टिस को पत्र भेज कर प्रदर्शन में मासूम बच्चों को लाने को लेकर गाइडलाइन जारी करने की मांग की है।
बच्चे के पिता अरशद ने बताया कि , वे लोग 29 तारीख तक विरोध प्रदर्शन में थे। धरना-प्रदर्शन से देर रात वापस आए और करीब ढाई बजे बच्चे को दूध पिलाया था। जब सुबह उठे तो देखा कि बच्चा बिल्कुल खामोश था। तुरंत पहले बाटला हाउस क्लीनिक ले गए, लेकिन वहां उन्हें बोला गया कि इसे होली फैमिली अस्पताल ले जाओ। अस्पताल पहुंचे तो बताया गया कि बच्चे की मौत करीब पांच घंटे पहले हो चुकी है। परिजनों का आरोप है कि यदि सरकार यह कानून नहीं लेकर आती तो उन्हें प्रदर्शन पर नहीं बैठना पड़ता। वे लोग बिहार से हैं, उनके पास न कागज है और न ही नौकरी। बच्चे के पिता अरशद रिक्शा चलाते हैं।