मोदी की सात अपील पर कांग्रेस ने पीएम से किये सात सवाल

लाकडाउन की अवधि तीन मई तक करने के तुरंत बाद ही कांग्रेस ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध दिया है। पीएम ने नागरिकों से सात अपील की तो कांग्रेस ने भी उन पर सात ही सवाल दाग दिये। कांग्रेस ने कोरोना टेस्ट की धीमी रफ्तार पर चिंता जताते हुए सवाल खड़ा किया है। आइये बताते हैं वे सात सवाल जो कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किये हैं। 


पहला सवाल


1.कोरोना की रोकथाम का एक मात्र रास्ता है- टेस्टिंग. 1 फरवरी से 13 अप्रैल, 2020 तक, यानी 72 दिनों में देश में केवल 2,17,554 कोरोना टेस्ट हुए. औसत 3,021 टेस्ट प्रतिदिन है, टेस्ट कई गुना बढ़ाने की क्या योजना है?


2.कोरोना के खिलाफ अग्रिम पंक्ति के योद्धा डॉक्टर-नर्स-स्वास्थ्यकर्मी-पुलिसकर्मी-सफ़ाई कर्मी हैं. इनके लिए अब तक एन-95 मास्क और पीपीई की ज़बरदस्त कमी है. इस मसले पर आपकी चुप्पी क्यों? यह सुरक्षा कवच कब उपलब्ध होगा?



  1. पलायन कर चुके करोड़ों-मजदूर आज रोजगार-रोटी के संकट से जूझ रहे हैं. इस संवेदनशील व मानवीय मसले पर आपका एक्शन प्लान क्या है?

  2. लाखों एकड़ गेहूं-रबी की फसलें कटाई के लिए तैयार हैं, लेकिन इंतजाम क्यों नहीं हैं? समय पर कटाई और MSP पर फसल ख़रीद सुनिश्चित करने को लेकर आप चुप क्यों हैं? देश का अन्नदाता और खेती आपकी प्राथमिकता सूची से बाहर क्यों है?

  3. कोरोना से पहले ही देश का युवा अभूतपूर्व बेरोजगारी से जूझ रहा था. अब बेरोज़गारी-छंटनी-नौकरियां जाने की दर विकराल रूप ले रही है. आपकी ‘कोविड-19 इकनॉमिक रिकवरी टास्क फ़ोर्स’ कहां गायब है? करोड़ों युवा कहां जाएं?

  4. देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़- दुकानदार, लघु और मध्यम उद्योग- आज चौपट होने की कगार पर हैं. खेती के बाद सबसे अधिक रोज़गार इन्हीं क्षेत्रों में है. इन्हें वापस पटरी पर लाने व आर्थिक मदद के बारे आपकी क्या एक्शन प्लान है?

  5. पूरी दुनिया ने कोरोना से पैदा हुए आर्थिक संकट से पार पाने हेतु करोड़ों-अरबों रुपये के आर्थिक पैकेज लागू किए. इस सूची में आपकी सरकार आख़िरी पायदान पर क्यों खड़ी है? नीयत और नीति की ये कमी देश को भारी पड़ रही है.


यह सारे सवाल कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने केंद्र सरकार से की है। मनीष तिवारी ने प्रधानमंत्री के लॉकडाउन बढ़ाने के फैसले का तो समर्थन किया लेकिन पीएम के सात अपीलो को अपने सात सवालो के घेरे मे कर दिया है। अब देखना यह है कि केंद्र सरकार इन सवालो के जवाब कब और कैसे देती है।